ख़ुरआन कि छवी और उसकी महान्ता

ख़ुरआन कि छवी और उसकी महान्ता

14 सदियों तक ख़ुरआन मुसलमानों के विचार, आचार और लाखों लोगों कि प्रतिभा सुधारते रहा। ख़ुरआन मन में अधिकतर सरल, अल्प अस्पष्टता, परंपरा और रिवाज का अनुसरण करने से बहुत दूर, मूर्ती पूजा और पुजारियों से मुक्ति पाने का सिद्धांत पैदा करता है। मुसलमानों के चारित्रिक और संस्कृतिक स्थल को ऊँचा करने में इस्लाम ही की बड़ी भूमिका है। इस्लाम ने ही मुसलमानों के बीच समाजिक विधी और समाजिक संघटन की स्थापना की है। उन्हें सही नियमों का पालन करने पर प्रोत्साहिक बनाया। उनकी बुद्धी को मिथक, भ्रम, अन्याय और क्रुर्ता से आज़ाद किया। सेवकों कि स्थितियों को सुधारा और निमन जाती लोगों के मन में सम्मान पैदा किया।


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