निस्संदेह मुसलमान, इसाइयों से उच्च चरित्र वाले थे, इसी प्रकार वे अपने इतिहास की अधिक पंजिकृत्ति करने वाले और असहायों की अधिक सहायता करने वाले थे। अपने इतिहास में मुसलमानों ने बहुत ही कम निर्दयता का व्यवहार किया है। जिस प्रकार इसाइयों ने वर्ष 1099 में जेरूसलाम पर विजेता प्राप्त करने के बाद किया था।