मैं अब वास्तव में जीरही हूँ। न कि उन उपभोक्त विषयों मे जिसमें कि आजकल हम जी रहे हैं जैसे-नशीली पदार्थ, काम की उपेक्षा और भौतिकवाद संसार के पीछे इस खयाल से भागना की यही चीज़े हमारे लिए सौभाग्य का कारण हैं। लेकिन अब मै एक प्रसन्नता, प्रेम, आशा और शांती से जीवन जी रही हूँ।