भारत के प्राचीन धर्में में (यह था) कष्ट, मृत्यु, नर्क, विष, साँप, और आग औरत से भले हैं, औरत को जीवित रहने का अधिकार उसके मालिक और सरदार पतिदेव के जीवन तक ही है। जब वह अपने पतिदेव का शरीर (मृत्योपरान्त) जलते देखे तो अपने-आप को उस आग में डाल दें। वरना सदा उस पर फटकार होती है।