मैंने इस्लाम का इस कारण चहन किया की मुझे इस्लाम के दामन मे सुख प्राप्त हुआ । हाँ मैने इस्लाम स्विकार करलिया है, क्यों कि मेरी यह भावना है कि इस्लाम वह धर्म है जो शरीर और आत्मा के बीच और न शरीर और मानवता के बीच अंतक करता है। मेरे लिए यह बात बहुत है कि इस्लाम पवित्र धर्म है, जो उच्च चरित्र, मानव्य समान्ता को अपनाने का संदेष देता है। इसी कारण मैंने यह गवाही दी है कि अल्लाह के सिवा दूस्रा ईश्वर नही है और मुहम्मद अल्लाह के बन्दे और रसूल है, और इसी गवाही पर मैं अपने ईश्वर से मिलूँगा ।