निस्संदेह इस्लाम (जो ज्ञान का धर्म है) ज्ञाने प्राप्त करने और उस्का उप्योग करने की ओर अपने मानने वालों को बुलाता है, इस बात में किसी को आश्चर्य होने की ज़रूरत नही है, क्यों कि ख़ुरान की पहली आयत ही ईशवर का यह संदेश देती है, “पढ़ो अपने रब के नाम से जो बड़ा कृपाशील, अत्यन्त दयावान है” ।