आप सब जानते हैं कि मैं मूर्ती पूजा करने वाले महान राजनीतिक गाँधी का पुत्र हूँ। मैं संसार के सामने मुसलमानों के इस सम्मेलन में यह एलान करता हूँ कि मैं निश्चय इस्लाम से प्रेम करचुका हूँ, ख़ुरआन पसंद कर चुका हूँ, एक ईशवर पर, पवित्र रसूल मुहम्मद पर, उनके अंतिम नबी होने पर, उनके बाद किसी नबी ते न आने, ख़ुरआन के लाये हुए संदेश को सत्य मानने, सारी पवित्र पुस्तकों को सही जानने और ईशवर के रसूलों को सच्चा समझने पर विश्वास (ईमान) लाचुका हूँ । मैं ख़ुरआन और इस्लाम के लिए ही जियूँगा, मरूँगा और उसी की रक्षा करूँगा। उसके लिए एक वाक्य स्वयं बनूँगा । उसी कि ओर निर्देश करूँगा और अपने परीवार, संसार के लोगों को बुलाऊँगा । यह सच्चा धर्म, ज्ञान, सभ्यता, न्याय, अमानतदारी, दया और संतुलन का धर्म है।