- अरब समूहों और दूसरे समूहों के बीच कोई अंतर नही
मुस्लिम जिस किसी समूहों से वे संबन्धित हों, फ़िर भी वे आपस में एक दूसरे के लिए अजनबी नही है। इस्लामिक समूहों में हर प्रकार के अधिकारों से लाभ उठाने में अरब मुस्लिम और चीन मुस्लिम के बीच कोई अंतर नही। इसी कारण इस्लामिक अधिकार पश्चीमी अधिकार से पूर्ण रूप से अलग है।
- इस्लाम सरल है
इस्लाम की महान सरलता एकीकरण के सिद्धांत से निकली हुई है। इस सरलता में इस्लाम की शक्ती का रहस्य है। इस्लाम धर्म को समझना आसान है। वह दूसरे धर्मों में उपलब्द बुद्धी स्विकार न करने वाली विरोधाभासी और रहस्य बातों से ख़ाली है। एक ईशवर के होने और ईशवर की दृष्टी में सारी मानवता एक समान होने के इस्लामिक नियमों से अधिकतर खुली कोई और बात नही है।
- ज्ञान की सभ्यता
जब जब हम अरब की सभ्यता, ज्ञानिक पुस्तक, अविश्कार और उनकी कलाओं में विचार करते हैं, तो हमारे सामने नये रहस्य और व्यापक संभावनायें स्पष्ट होती हैं। फिर हम तुरन्त ही यह स्वीकार करलेते हैं कि पूर्व काल के ज्ञान को मध्ययुगीन तक पहुँचाने में अरब के लोग ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायें हैं। पाँच सदियों तक पश्चिम की विश्वविद्यालायों में अरब की लिखित पुस्तकों से हट कर कोई और उनके पास ज्ञान का स्त्रोत नही था। उन ही लोगों ने भौतिक, मान्सिक और चारित्रिक रूप से पश्चिम को उच्च सभ्यतावान बनाया । इतीहास में कोई ऐसी ख़ौम नही है, जो कम ही समय में अरब के प्रकार वैज्ञानिक विकास किया हो, और कोई ख़ौम कलात्मक आविष्कारों में अरब से आगे नही बड़ी है ।
- मध्यलोक
अगर मूसा इबने मसीर को पश्चिम का शासन दिया जाये, तो वह पूरे पश्चिम को मुसलमान बनादें । सारी सभ्यतावान ख़ौमों को एक ही धार्मिक इकाई में ड़ाल दे, और इस बात की संभावना है कि पश्चिम को मध्यलोक के रूल से मुक्ती दिलादें, जिसको स्पेन ने अरब के एहसान द्वारा ज्ञान प्राप्त किया है ।
- आत्मा की अनुशास्तिक
सारे धर्मों में इस्लाम विज्ञानिक खोजों से अधिक उपयुक्त है, आत्मा की अनुशास्ता, दया और न्याय के संदेश देने में इस्लाम सबसे महान धर्म है।
- नैतिकता के नियम
ख़ुरआन में नैतिकता के नियम उच्च है ख़ुरआन के आभारी समूहों के चरित्र बदलते समय के साथ बिल्कुल ईसाइ धर्म के अनुयायी समूहों के समान बदल गए। अधिकतर महात्वपूर्ण परिणाम यह है कि ख़ुरआन अपने आदेशों का अनुसरण करने वाले समूहों पर प्रभावित है। इस्लाम के समान दूसरे धर्मों के लोगों के दिलों पर बहुत ही कम प्रभाव है। किन्तु आप कोई ऐसा धर्म नही पायेंगे, जो इस्लाम के प्रकार सदा प्रभावी रहा हो। ख़ुरआन पुरब के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। जीवन के छोटे से छोटे भाग में इसका प्रभाव दिखता है।