- सुखी धर्म
मै पहली बार अपने जीवन में शाँती और सुख से प्रभावित हूँ। मेरे अंदर यह भावना पैदा हो गई की मेरे जीवन का भी कुछ महत्व है। निश्चय मुझे इस सत्य का ज्ञान प्राप्त हो गया कि जिस ईशवर को तुम नही देख पाते। वह तुम्हे हर स्थान में देखता है। तुम्हारे कर्मों की निगरानी करता है, और इन कर्मों को न्याय के तराज़ू में तोलता है। ताकि तुम्हें ख़यामत के दिन पूरा पूरा बदला दे।