अनपढ़ मुहम्मद (जिनका पालन पोषण अज्ञानी सभ्यता में हुआ है) से कैसे संभव हुआ कि वह ब्रह्माण्ड के उन चमत्कारों का परिचय कराये, जिनका ख़ुरआन में वर्णन किया है, और जिन कि आधुनिक ज्ञान आज तक खोज में लगा हुआ है। फ़िर तो आवश्यक यह बात है कि ख़ुरआन देवत्व वाणी है।