हमारे ख़ल्म चाहे कितना ही वाग्मिता रखते हों, फ़िर भी इस्लाम को इनकी आवश्यकता नही है। लेकिन हमारे ख़ल्मों को इस्लाम की आवश्यकता है। क्योंकि इस्लाम आध्यात्मिक और चारीत्रिक विषयों पर आधारित है। इस्लाम में वह चमत्कारी ख़ुरआन भी है, जिस से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।