- चमत्कारिक ख़ुरआन
मैंने ज्ञान और प्राकृति से संबंधित ख़ुरआन की सारी आयतों में विचार किया है, तो मैंने इन सारी अयतों पर आधुनिक ज्ञान को पूरा पूरा प्रयोजित पाया । इसलिए कि मेरा विश्वास है कि एक हज़ार वर्ष पहले, (जबकि न कोई मानवीय आचार्य था और न कोई शिक्षक) मुहम्मद एक खुला सत्य लेकर आये। अगर किसी भी ज्ञान या कला का विशेषज्ञ अपने प्राप्त किये हुए सारे ज्ञान का ख़ुरआन की आयतों से तुलना करेगा, जिस प्रकार से मैंने की है, तो वह निस्संदेह ख़ुरआन पर विश्वास करलेगा, लेकिन निजी उद्देश्यों से उस विशेषज्ञ को दूर होने की आवश्यकता है ।