- हम उन (रसूलोंके) बीच कोई अंतर नही रखते।
खुराने करीम ही वह एक दिव्य किताब है जो दूसरे आसमानी किताबों को मान्यता देती है। जब कि हम यह देखते हैं कि दूसरी सारी किताबें एक दूसरे को स्वीकार नही करती है।
- ख़ुरआन देवत्व पुस्तकों का समापक है
जिस समय मैंने एकी करण के सिद्धांत पर विश्वास करलिया। तो मैंने उन परिणाम की खोज करना प्रारंभ कर दिया। जिनसे यह परिणाम निकलता है कि ख़ुरआन ईशवर की पुस्तक और देवत्व पुस्तकों का समापक है। मैं ईशवर का आभारी हूँ। उसने मुझे इस समस्या का साधन पाने कि क्षमता दी। ख़ुरआन वही अनोखी एक पुस्तक है जो दूसरी देवत्व पुस्तकों को मानती है। जबकि दूसरी सारी पुस्तकें एक दुसरे का तिरस्कार करती है। वास्तव में यही ख़ुरआन की विशेषता में से एक विशेषता है।