अगर हम इस्लाम के प्रती नियमित व्यवहार करना चाहें, तो इस्लाम की शिक्षाओं का प्रभावी शक्ति और भलाई पर आधारित होने से सहमत होना हमारे लिये ज़रूरी है। इस शक्ति की शिक्षाओं के अनुसार जीवन का सुखी होना संभव है, जिस में चारीत्रिक रूप से कोई कमी नही रहती । यह शिक्षायें ईशवर की सारी प्रजा के साथ दयालुता, लोगों के आपसी संबंधों में अमानतदारी, प्रेम और दूसरों की आवश्यकताओं को महत्व देने की वृत्ती पैदा करती है। इसी प्रकार इस्लामिक शिक्षायें हर अच्छे कार्य की ओर बुलाती है। इन शिक्षाओं के प्रमाण में नेक मुसलमान चारीत्रिक नियमों के अनुसार जीवन बिताता है।