ख़रआन कि हर वाक्य (आयत) में आप ईशवर के लिये महा प्रेम का संदेश पायेंगे। ख़ुरआन में नैतिक व्यवहार के विशेष नियमों द्वारा अच्छे कार्य पर उत्साहिक किया गया है। ख़ुरआन में भावनाओं को आपस में बाटने, अच्छे लक्ष रखने और गाली-गलोच देने वाले को माफ़ करने का संदेश है। ख़ुरआन में घमण्ड और ग़ुस्से को दबाया गया है। यह संदेश दिया गया कि कभी-कभी विचार और निगाहों से भी पाप होता है। अपने वादों को काफ़िरों (नान-मुस्लिम) के साथ भी पूरा करने का आदेश है। आत्मसमर्पण का संदेश है। मार्गदर्शन और तत्वदर्शता से भरी हुई यह सारी बातें ख़ुरआन के नैतिक नियमों कि पवित्रता के सबूत के लिये काफ़ी है। ख़ुरआन में हर विषय का समाधान प्रदान किया गया है।