सामन्य रुप से धर्म की और विषय रुप से एकेश्वरवाद का इतिहास हमे यह ज्ञान प्रदान करता हैं कि ब्रहमाण्ड और मानव की वास्तविकता और इन दोनों के वजूद में आने के कारण से संबंधित हर प्रश्न का संतोषजनक उत्तर एक ईशवर पर विश्वास करना है, परंतु ये असंभव है मानवीय जीवन का लक्ष्य ईश्ववर के सिवा कोई और हो। मानव में हर किस्म की धर्मिकता का उद्देश्य (जाने या अंजान में) एक ईश्वर पर विश्वास रखना है।